करनाल: भूमि क्षरण में वृद्धि, ग्लोबल वार्मिंग, पशु और पौधों के आनुवंशिक संसाधनों का क्षरण, पशुधन-मध्यस्थ पर्यावरण प्रदूषण, पानी की गंभीर कमी और उभरती संक्रामक बीमारियों का खतरा, विशेष रूप से विकासशील देशों में...
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