पाकिस्तानी डॉक्टरों ने मांगी अमेरिका से मदद अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी डॉक्टरों ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा को लेकर चिंता की बात कही है। करीब 500 से अधिक पाकिस्तानी डॉक्टरों ने अमेरिकी सांसदों को एक पत्र भेजा है। इसमें वे तृप्ति की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने की मांग करते हैं।
विदेशी मामलों पर पीटीआई अध्यक्ष के सलाहकार आतिफ खान ने दावा किया है कि ये सिर्फ पीटीआई समर्थक नहीं हैं। ये विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र से आने वाले लोग हैं। उन्होंने आगे कहा कि इतनी बड़ी संख्या में अमेरिका से इमरान खान के लिए प्यार की बातें हैं, इतना सब कुछ है कि उनकी लोकप्रियता कहां तक है। हम सभी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। दुनिया भर में लोग अपने लिए चिंताशील हैं।
डॉक्टरों ने खत में क्या लिखा?
पब्लिक पाक अफेयर्स कमेटी (पीएसी) नाम के एक अन्य समूह ने भी पाकिस्तान में मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखा है। पाक पीएसी आम तौर पर सामुदायिक मुद्दों पर अमेरिकी कांग्रेस में प्रचार करता है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों भौगोलिक ने अपने सदस्यों से अपने स्थानीय सांसदों के साथ-साथ सीनेट की विदेश संबंध समिति और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्षों को पत्र भेजने का आदेश दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने अपने पत्र में लिखा है कि हम पाकिस्तान की गंभीर स्थिति पर अपना ध्यान आकर्षित करने के लिए यह पत्र लिख रहे हैं। वर्तमान सरकार के मानवाधिकारों का उल्लंघन, दमन के कारण हमारे लाखों नागरिकों की सुरक्षा और क्षति में शामिल हैं। पाकिस्तान की मौजूदा सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा के लिए खतरा है।
पाकिस्तान की आवाज़ सुनें
सांसद से उनके रिश्तेदारों, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा की मांग शामिल है, ने डॉक्टरों ने लिखा है कि हम मानते हैं कि पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति बेहद खस्ता है, लेकिन यह और भी बदतर हो, इससे पहले इस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान-अमेरिकी नागरिकों के रूप में हम सुनिश्चित करने के लिए आपका समर्थन मांग रहे हैं कि पाकिस्तान के लोगों की आवाज़ सुनी जाए, और उनके मानवाधिकारों की रक्षा की जाए।
अमेरिकन पाकिस्तान पब्लिक अफेयर्स कमेटी (एपीपीएसी) नामक एक अन्य समूह के संस्थापक सदस्य असद चौधरी ने पाकिस्तान में सभी राजनीतिक दलों से झलक दिखाने का आग्रह किया है।
ये भी पढ़ें: Covid-19: बैट नहीं, बल्कि इस जानवर से फैला था कोरोना, मिला सबसे पुख्ता सबूत