कतर समाचार: पूर्वी एशिया के देश कतर में फीफा वर्ल्ड कप (फीफा विश्व कप) के दौरान हिरासत में लिए गए पाकिस्तानी और भारतीय नागरिकों को अभी तक रिहा नहीं किया गया है। वे लोग वहां सुरक्षा गार्ड की तरह सीमाएं थे और वेतन न मिलने के विवाद को व्यवस्थित करने की कोशिश के दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया था।
अंग्रेजी अखबार द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, कतर में दो पाकिस्तानियों के साथ एक भारतीय नागरिक को 10,000 रियाल (₹2,20,000) के जुर्माने के साथ छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई। और, उनकी गिरफ्तारी के चार महीने बाद भी उन्होंन नहीं छोड़ा गया है। एक मानव समूह इक्विडेम ने उनके बारे में ये जानकारी दी।
फीफा वर्ल्ड कप के दौरान हिरासत में लिए गए थे
बताया गया है कि फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए स्थानीय निजी सिक्योरटी फर्मों को हर समय भारतीय और पाकिस्तान के नागरिकों को काम पर रखा गया था, हालांकि, उनके रोजगार अनुबंध के महीने शेष रहने के बावजूद उन्हें मैच के कुछ दिनों बाद बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी के बाद जुर्माने में भी ले जाया गया और रिहा नहीं किया गया। अब एक मानव संगठन मरने की इच्छा कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इन तीनों लोगों के अलावा नौ अन्य लोगों का अनुबंध खत्म होने से पहले ही जाने दिया गया। उनमें से चार को डिपोर्ट कर दिया गया और पांच अन्य को टर्मिनेट कर दिया गया, जो अभी भी वहीं हैं।
कंपनी ने रोड ब्लॉक करने के आरोप लगाए थे
रिपोर्ट के मुताबिक, 23 जनवरी को 200 गार्ड का एक जत्था, एक बस में सवार होकर अपनी पेंशन को लेकर बातचीत करने के लिए सिक्योरटी कंपनी के हेडक्वार्टर की ओर गया था। जहां कंपनी के कर्मचारियों ने कथित तौर पर पुलिस को यह दावा करते हुए कहा है कि वे लोग सड़क को अवरुद्ध कर रहे हैं। हालांकि बस में सवार हुए लोगों ने कहा कि उनके नेताओं के अलावा कोई भी बस से नीचे नहीं उतरा था, तो सड़क को अवरुद्ध करने का सवाल ही नहीं उठता।
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