रिपोर्ट: अंकित कुमार सिंह
सीवान। बिहार के सीवान में एक किसान संघर्ष का केंद्र बन गए हैं। चर्चा में आने के पीछे का कारण काला आलू की खेती करना है। गया के बाद सीवान में भी काले आलू की खेती की शुरुआत हुई है। प्रयोग के तौर पर की गई खेती के बाद काला आलू का बंपर उत्पादन हुआ।
सीवान में पहली बार किसी किसान ने तरह-तरह से काला आलू अतिक्रमण किया है। ऐसे तो नॉर्मल आलू प्रत्येक किसान जागते हैं, लेकिन पहली बार किसानों द्वारा आलू में काला उगाए जाने की चर्चा जोर पर है।
आपके शहर से (पटना)
लोग किसानों के घर पर पहुंचकर काले आलू की खरीदारी कर रहे हैं। जिले के अन्य किसान भी आलू को काले की ओर आकर्षित होने लगे हैं। माना जा रहा है कि अगली बार अन्य किसान भी काले आलू की खेती सीवान जिले में कर सकते हैं।
काला ने आलू दिखाया जादू
बिहार के सीवान में आलू काला (ब्लैक पोटैटो) अपना जादू दिखा रहा है। इसके जादू से किसानों का चेहरा भी खिल उठा है। सीवान जिले के गोरियाकोठी प्रखंड के करपलिया निवासी किसान प्रसाद प्रसाद ने लगभग 2 कट्ठे खेत में एक क्विंटल बीज के साथ इसकी खेती शुरू की थी। किसानों ने काला आलू को तैयार भी कर लिया है। किसान ने 120 दिन के बाद 12 क्विंटल काला आलू हार्वेस्ट कर लिया है। वहीं खेती के लिए वह बेगूसराय से बीज मंगाए थे।
50 रुपए किलो की दर से डाला गया काला पोटेटो
वैसे तो ब्लैक पोटैटो के सर्किट बिहार के गिने-चुने नेटवर्क में ही हो रहे हैं। कुछ जगहों पर ब्लैक पोटैटो (काला आलू) 200 रुपये किलो के दर से गिर रहे हैं। हालांकि, सुरेश प्रसाद मात्र 50 रुपये किलो की दर से बेच रहे हैं। वह अब तक 10 क्विंटल से अधिक आलू बेच चुके हैं। अब उनके पास मात्र एक क्विंटल ब्लैक पोटो बचा है।
उन्होंने बताया कि सीवन जिले में ब्लैक पोटैटो के संदर्भ में लोगों को बहुत सारी जानकारी है। जिस वजह से कम दामों में ही पड़ा बिकवाली। हालांकि, लोगों की इसकी जानकारी पर इसकी मार्केट में वृद्धि होगी।
अन्य किसानों को उपलब्ध करेंगे बीज
किसान प्रसन्न प्रसाद प्रस्ताव देते हैं कि वैसे तो वे पहली बार काले आलू की खेती की है। जिन किसानों ने इसकी शुरुआत की जानकारी उनसे संपर्क कर इसकी मांग की। यही नहीं उनके पास बिहार से ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों के किसान भी फोन कर ब्लैक पोटैटो की मांग कर रहे हैं। जहां तक संभव हुआ उन्होंने डिमांड को पूरा किया। उन्होंने बताया कि अगली बार बृहत पैमाने पर काले आलू की खेती करेंगे और अन्य किसानों को बीज उपलब्ध कराएंगे।
किसान चमकते हुए बयान देते हैं कि आमतौर पर काले रंग की आलू की खेती अमेरिका के पर्वतीय क्षेत्र और शहरों में होती है। इस सभी आलू का वोग जगह नहीं है। सीमांत क्षेत्रों में इसकी कटाई की जाती है। हालांकि इसकी खेती इस बार बिहार के सीवान में भी परीक्षण के तौर पर उनके द्वारा शुरू की गई है। पहली बार में ही उत्पादन काफी बेहतर हुआ है। अब एक एकड़ में आलू की खेती की तैयारी है।
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज न्यूज, सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज वेबसाइट News18 हिंदी|
टैग: बिहार समाचार, सीवान न्यूज
पहले प्रकाशित : 17 मार्च, 2023, 12:07 IST