कोरोनावायरस उत्पत्ति: COVID-19 महामारी की उत्पत्ति कैसे और कहां से हुई, यह आज भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) आशंकाओं की उत्पत्ति के रहस्य को लेकर चिंतित है। इसी बीच वैज्ञानिकों की एक टीम ने नया दावा किया है। दरअसल, उनका दावा है कि कोविड-19 वायरस रैकून डॉग्स (रैकून डॉग) से फैल सकते हैं। ये चीन के वुहान में एक सीफूड बाजार में अवैध रूप से बेचे जाते हैं।
दावों के मुताबिक, वैज्ञानिकों की एक टीम, जो लंबे समय से कोरोना की उत्पत्ति पर काम कर रही थी। उसने 2020 में वुहान सीफूड होलसेल मार्केट और उसके आस-पास के इलाके से जेनेटिक डेटा फॉर्म स्वैब को लेने के बाद इस बात की पुष्टि की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पशुओं को ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फ़र्श, दीवारें, और पिंजरों से स्वाब के लिए गए थे।
रेकून डॉग्स से कोरोना एक्सपोजर का दावा
खोज में पाया गया कि कोविड-19 वायरस से जो लोग सामने आए उनमें रेकून कुत्ते सहित पशु की अनुवांशिक सामग्री मौजूद थी। फिर भी यह इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि रेकून टैग पहचान रहे हैं या नहीं। रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि कोरोना वायरस जंगली जानवरों से अलग है।
इस रिसर्च टीम का नेतृत्व थ्री ब्रो (क्रिस्टियन एंडरसन, माइकल वर्बे और एडवर्ड होम्स) ने किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा को एक ओपन-एक्सेसिक डेटाबेस GISAID से पोस्ट किया गया था। इसके बाद उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के वैज्ञानिकों ने इसे डाउनलोड किया और इसका विश्लेषण किया।
चीन पर भी पहले लगे आरोप
दोषीब है कि दुनिया भर की जांच एजेंसियां कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन को जिम्मेदार मानती हैं। दावा किया जाता है कि चीन की वुहान लैब में यह वायरस बनाया गया था। हालांकि, चीन इन जेमेसी को लगातार खारिज कर रहा है। अभी हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना की उत्पत्ति के रहस्य को व्यवस्थित करने के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी के बारे में बात की है। साथ ही साथ हुए हैं कि हम पूरी तरह से अटकलबाजियों के साथ इस अनसुलझे सवाल को व्यवस्थित करने में लगे हैं।
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