रिपोर्ट- मो. महमूद आलम
नालंदा। नालंदा और गई जिले की सीमा पर आबादी की गोद में बसा है बेशकीमती और खूबसूरत बनावट का गांव पत्थरकट्टी। शहर से इसकी दूरी 30 किमी है, लेकिन इसका सरोकार नालंदा जिले में बाजार से है। इस गांव की 75% आबादी पत्थरों को तराश कर मूर्तियां बनाने का काम करती है, जिसे देश के कोने-कोने से लोग यहां खरीद कर आते हैं।
आपके शहर से (नालंदा)
350 साल पहले रानी अहलियाबाई ने बसाया था गांव
यहां के विवरण देवेंद्र विश्वकर्मा और सीताराम केसरी कथन हैं कि 350 साल पहले रानी अहलियाबाई ने इस गांव को बसाया था। मूर्ति निर्माण का काम पारंपरिक रूप से गौड़ ब्राह्मणों का था। मध्य प्रदेश के इंदौर की रानी अहिल्याबाई के निमंत्रण पर सैकड़ों गौड़ ब्राह्मण राजस्थान से चलकर यहां आए थे। ऐसी मान्यता है कि प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर का निर्माण किया गया था। शायद निशाने की वजह से ही मूर्तिकार को यहां बसाया गया था।
गांव में कठोर पत्थरों की नक्काशी की गई है, जो आपके लिए बहुत ही शानदार है। यहां के कलाकार ग्रेनाइट सफेद, बलुआ पत्थर, संगमरमर को मनचाहा के रूप में देखते हैं। मूर्ति के अलावा घरेलू और सजावटी सामान भी बनाते हैं। यहां के पत्थरों की तराशी मूर्तियों का देश नहीं बल्कि विदेश में भी काफी ही मांग है।
500 घर के तारों को तराशने का काम करते हैं
इस पंचायत में 500 घर हैं, जिनमें 10,000 लोग रहते हैं। इसमें बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं सभी कोई न कोई काम करते हैं। यहां के ज्यादातर पुरुष तराशने का काम करते हैं। वहीं, महिलाएं और बच्चे मूर्ति को घिसने और आकर्षक रूप देने के लिए पेंटिंग का काम करते हैं। यहां सभी देवियों और महापुरुषों की मूर्तियां गढ़ी जाती हैं। इन स्केच की कीमत 1 हजार से 10 लाख तक होती है। सबसे खास बात यह है कि लोगों को मूर्ति बेचने के लिए कहीं बाहर नहीं छोड़ा जाता है, लोग खुद यहां आकर खरीदे जाते हैं या अपने मन के अनुसार बनवाते हैं।
बड़े पैमाने पर मिले बाजार
इतना कुछ होने के बाद भी यहां के लोगों के पास सुविधाएं नहीं हैं। सरबदा मार्ग पर नाराज हो जाना शुरू करना शुरू किया है। गांव में बैंक, स्कूल और पार्क भी बने हैं। साइट का व्यवसाय चलाने से यहां के लोगों को रोजगार मिल गया है। यहां सभी लोग अपना-अपना काम करते हैं। बड़े पैमाने पर बाजार से मिलने से कामकाज की बिक्री में ऐसा हो सकता है, साथ ही लोगों के आय का श्रोत भी बढ़ सकता है।
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज न्यूज, सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज वेबसाइट News18 हिंदी|
टैग: बिहार समाचार, ताज़ा हिन्दी समाचार, नालंदा न्यूज
पहले प्रकाशित : 17 मार्च, 2023, 11:41 IST