यूएस सीसीपी समिति: अमेरिकी संसद की चाइनीज (चीनी) सीसीपी पर हाल ही में बनी सेलेक्ट कमेटी ने उइगर अत्याचार और ताइवान (ताइवान) सुरक्षा पर अपने भ्रम का प्रस्ताव दिया है। इस कड़ी में जारी 10 ताइवान रिपोर्ट में अमेरिका को नाटो प्लस का दायरा जुड़ा हुआ है भारत को उसका हिस्सा बनाने की बात कही है।
इस सलेक्ट कमेटी के सदस्य और भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य किसी भी सैन्य संघर्ष और शीतयुद्ध को टालना है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अमेरिका अपने साथियों के साथ हिंद-प्रशांत में एक प्रभावी तंत्र बनाए। ताकि चीन ताइवान के खिलाफ किसी सैन्य कार्रवाई से रोके जा सके।
चीन पर प्रतिबंध लगाने से मिलेगी मदद
पिछले काफी समय से नाटो प्लस में भारत (इंडिया) को शामिल करने की कोशिश की जा रही है। ताकि भारत रूस (रूस) और उसके हथियार नेटवर्क से दूर हो सकें और अमेरिकी मानक हथियार का इस्तेमाल कर सकें। अमेरिकी भारत सुरक्षा परिषद जैसे थिंकटैंक और रमेश कपूर जैसे भारतीय मूल के डेमोक्रेट समर्थक व डोनर इसके लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
CCP सेलेक्ट कमेटी ने अपनी प्रेयसी में कहा है कि अगर चीन ताइवान पर किसी तरह से हमला करता है तो चीन के आर्थिक प्रतिबंध के दौरान G7, NATO, NATO+5, और क्वाड सदस्य जैसे प्रमुख सहयोगी होंगे और एक संयुक्त प्रतिक्रिया होगी। बातचीत करें। इस संदेश को सार्वजनिक रूप से प्रसारित करने से रिश्तेदारी क्षमता बढ़ाने का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
भारत में शामिल होने का भ्रष्टाचार नहीं
हालांकि भारत किसी गुट या घोषित साजिश में शामिल होने का भ्रष्टाचार नहीं है। भारत के प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री स्वतंत्र विदेशनीति की बात को दोहराते रहे हैं। भारत हित आधारित बहुपक्षीय व्यवस्था के हक में हैं। यानी जहां हमारा हित हो हम उस समूह में जा सकते हैं और उस देश के साथ कारोबार कर सकते हैं।
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